नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। डोकलाम विवाद पर चीन की तरफ से आ रहे आक्रामक बयानों के बीच भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 1962 की लड़ाई से काफी सबक सीख चुका है और किसी दबाव में नहीं आने वाला है। बुधवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में भारत छोड़ो आंदोलन पर विशेष चर्चा के दौरान कहा कि भारत हर चुनौती के बाद ज्यादा मजबूत हुआ है। चुनौतियां आज भी हैं। लेकिन, भारत की सेना पूर्वी या पश्चिमी सीमा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं। देश के जवान हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार हैं।
कश्मीर को लेकर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे चीन का नाम लिए बगैर जेटली ने याद दिलाया कि इस राज्य का एक हिस्सा पड़ोसी देश के पास है। लेकिन, हर भारतीय की यह इच्छा है कि उस हिस्से को कैसे वापस लिया जाए। सनद रहे कि कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है। इसका कुछ हिस्सा पाकिस्तान ने चीन को दे दिया है।
इस बीच, चीनी मीडिया के बाद वहां की सरकार भी अब इस धमकी पर उतर आई है कि डोकलाम का बदला वह कश्मीर या उत्तराखंड में अतिक्रमण कर दे सकती है। चीन के सरकारी अखबार ने एक दिन पहले ही भारत को धमकी दी है कि अगर वह डोकलाम से पीछे नहीं हटा, तो चीन की तरफ से सैन्य कार्रवाई होनी तय है। अब चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डोकलाम जैसे कई त्रिपक्षीय इलाके (तीन देशों से जुड़ी सीमा) भारत में है। चीन की सेना उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर कालापानी और भारत-पाकिस्तान सीमा पर कश्मीर में प्रवेश कर सकती है। हालांकि, विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कूटनीतिक कोशिशें चल रही हैं। भारत को जो जवाब देना है वह कूटनीतिक स्तर पर ही दी जाएगी।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव दस अगस्त से बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जिसपर जदयू ने उनपर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णयों के खिलाफ जाने की बात कही है।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव दस अगस्त से बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जिसपर जदयू ने उनपर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णयों के खिलाफ जाने की बात कही है।
This is a nice video. Keep posting such Videos.
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। डोकलाम विवाद पर चीन की तरफ से आ रहे आक्रामक बयानों के बीच भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 1962 की लड़ाई से काफी सबक सीख चुका है और किसी दबाव में नहीं आने वाला है। बुधवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में भारत छोड़ो आंदोलन पर विशेष चर्चा के दौरान कहा कि भारत हर चुनौती के बाद ज्यादा मजबूत हुआ है। चुनौतियां आज भी हैं। लेकिन, भारत की सेना पूर्वी या पश्चिमी सीमा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं। देश के जवान हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार हैं।
कश्मीर को लेकर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे चीन का नाम लिए बगैर जेटली ने याद दिलाया कि इस राज्य का एक हिस्सा पड़ोसी देश के पास है। लेकिन, हर भारतीय की यह इच्छा है कि उस हिस्से को कैसे वापस लिया जाए। सनद रहे कि कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है। इसका कुछ हिस्सा पाकिस्तान ने चीन को दे दिया है।
इस बीच, चीनी मीडिया के बाद वहां की सरकार भी अब इस धमकी पर उतर आई है कि डोकलाम का बदला वह कश्मीर या उत्तराखंड में अतिक्रमण कर दे सकती है। चीन के सरकारी अखबार ने एक दिन पहले ही भारत को धमकी दी है कि अगर वह डोकलाम से पीछे नहीं हटा, तो चीन की तरफ से सैन्य कार्रवाई होनी तय है। अब चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डोकलाम जैसे कई त्रिपक्षीय इलाके (तीन देशों से जुड़ी सीमा) भारत में है। चीन की सेना उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर कालापानी और भारत-पाकिस्तान सीमा पर कश्मीर में प्रवेश कर सकती है। हालांकि, विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कूटनीतिक कोशिशें चल रही हैं। भारत को जो जवाब देना है वह कूटनीतिक स्तर पर ही दी जाएगी।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव दस अगस्त से बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जिसपर जदयू ने उनपर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णयों के खिलाफ जाने की बात कही है।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव दस अगस्त से बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जिसपर जदयू ने उनपर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णयों के खिलाफ जाने की बात कही है।